अगर आप धोखाधडी के ऐसे अपराध का प्रतिवेदन करना चाहते है जो एसएफ़आईओ के नियम के अन्तर्गत नही आता तो आपको यह विषय योग्य प्राधिकार के समक्ष रखना चाहिये
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केवल “ प्रार्थना ” ही क्या, हमारी प्रतिदिन की भाषा ऐसे तमाम भाषाई कार्यों को अंजाम देती है-आज्ञा प्रदान करना, रचना करना, प्रतिवेदन करना, अनुमान लगाना, कहानी कहना, अभिनय करना, नारे लगाना, लतीफा गढना, पूछना, धन्यवाद देना, शाप देना, अभिनंदन करना, प्रार्थना करना आदि अनेकानेक ऐसे कार्य है जिन्हें हम भाषा के अंतर्गत ही सम्पन्न कर लेते हैं।